Gwalior News: मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड की डबरा (ग्वालियर) शाखा में बड़ा गोल्ड घोटाला सामने आया है. कंपनी की आंतरिक ऑडिट में खुलासा हुआ कि 26 ग्राहकों का करीब 4 किलो 380 ग्राम असली सोना नकली सोने से बदल दिया गया. घोटाले की कुल राशि लगभग 4.5 करोड़ आंकी गई है.
घोटाला उस समय सामने आया जब ग्राहक रामवीर करन पत्नी के जेवर लेने पहुंचे. उन्होंने बताया कि ढाई लाख रुपये लोन के लिए जेवर गिरवी रखे थे, लेकिन जब पैकेट खोला गया तो उसमें नकली गहने निकले. इसके बाद शाखा के 8 लॉकरों की जांच की गई, जिनमें से 26 पैकेट फर्जी पाए गए. मामला गंभीर होते ही कंपनी के एरिया मैनेजर और विजिलेंस अधिकारी मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ प्रबंधन को रिपोर्ट दी.
मणप्पुरम फाइनेंस के दफ्तर में सीसीटीवी लगे हैं. पुलिस का कहना है कैमरे के फुटेज से गहनों के हेरफेर की कहानी खुल सकती है हालांकि अभी तक कंपनी ने फुटेज नहीं दिए हैं. असली सोना बदलकर नकली गहने रखने में कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है. मामले की जांच की जा रही है.- जयराज कुबेर, एएसपी देहात
घोटाला उस समय सामने आया जब ग्राहक रामवीर करन पत्नी के जेवर लेने पहुंचे। उन्होंने बताया कि ढाई लाख रुपये लोन के लिए जेवर गिरवी रखे थे, लेकिन जब पैकेट खोला गया तो उसमें नकली गहने निकले। इसके बाद शाखा के 8 लॉकरों की जांच की गई, जिनमें से 26 पैकेट फर्जी पाए गए। मामला गंभीर होते ही कंपनी के एरिया मैनेजर और विजिलेंस अधिकारी मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ प्रबंधन को रिपोर्ट दी।
कंपनी के एरिया मैनेजर दिव्य रंजन मोहंती ने पुलिस को बताया ऑडिट में सेफ में रखे सोने के गहनों को परखा जाता है. इसके लिए गहनों पर केमिकल डालकर उन्हें कसौटी पर घिसकर देखा जाता है. उसमें 4 किलो 3187 ग्राम वजनी सोने के गहने नकली निकले. पुलिस का कहना है सेफ की दो चाबियां हैं. एक चाबी ब्रांच मैनेजर चंद्रभान और दूसरी चाबी सहायक मैनेजर विकास शर्मा के पास रहती है.
इन दोनों की जानकारी के बिना सेफ को खोला नहीं जा सकता. ग्राहक से लिया गया सोना ब्रांच में पदस्थ श्रोती गुप्ता, रोहित गुप्ता और रामनरेश रखने और निकालते हैं. लेकिन कंपनी की अंदरुनी पूछताछ में यह लोग सोना बदलने की बात से इंकार कर रहे हैं.
सोने के बदले कर्ज लेने वालों का असली सोना बदलने का खेल डबरा थाने के ठीक सामने मणापुरम फाइनेंस कंपनी में चला. फाइनेंस कंपनी के ऑडिटर जितेन्द्र कुमार ने ऑडिट किया था. इसमें हिसाब किताब के साथ सेफ (तिजोरी) को खोलकर उसमें रखे सोने को चेक किया तब पता चला कि 18 पैकेट और आठ पेटियों में रखा सोने के असली गहनों की जगह आर्टिफिशियल (नकली) गहने रखे हैं. फर्जीवाड़ा सामने आने पर कंपनी में खलबली मच गई.
सोने को पालीथिन में पैक कर सील लगाई जाती है, जिसे बाद में मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर मिलकर लाकर में रखते हैं सोना। शाखा में असिस्टेंट मैनेजर विकास शर्मा और मैनेजर चंद्रभान कुशवाहा पदस्थ हैं, जिनसे फिलहाल पुलिस पूछताछ कर रही है।
जिनका सोना गया, वे घबराए ऑफिस पहुंचे: जिन लोगों के सोने के पैकेट बदले गए हैं, वे घबराए हुए हैं। मेहनत की कमाई से बनवाए जेवरों को गिरवी रखकर लोन लिया और फाइनेंस कंपनी के लाकर से ही सोना बदल दिया गया। पीड़ित लोगों में आक्रोश है।