पलपल इंडिया प्रतिनिधि। शादी से 5 दिन पहले दुल्हन की हुई अचानक तबियत खराब तो दूल्हा बैंड-बाजे के साथ हॉस्पिटल में ही बारात लेकर पहुंच गया। जहाँ वैदिक मंत्रोचार के साथ शादी की सभी रस्में निभाई और दुल्हन को गोद में उठाकर सात फेरे लिए।
दरअसल मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर के पंजाबी नर्सिग होम में अक्षय तृतीया के मौके पर दुल्हे ने दुल्हन से शादी रचाई है।ब्यावरा के परमसिटी कॉलोनी निवासी जगदीश सिंह सिकरवार के भांजे आदित्य सिंह की शादी कुंभराज के निवासी स्वर्गीय बलवीर सिंह सौंलकी की बेटी नंदनी से तय हुई थी। बुधवार को अक्षय तृतीया पर बारात कुंभराज के समीप पुरषोत्तमपुरा गांव जानी थी। लेकिन इससे पहले दुल्हन नंदनी की 5 दिन पहले ही अचानक तबीयत बिगड़ गई। नंदनी को ब्यावरा शहर के पंजाबी नर्सिंग होम में 24 अप्रैल को भर्ती कराया गया। तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण डॉक्टर जेके पंजाबी ने दुल्हन को रेस्ट करने की सलाह दी। और दुल्हन ज्यादा देर बैठ नहीं सकती इसका सुझाव दिया।तब परिजनों और डॉक्टर ने हॉस्पिटल में ही दूल्हा-दुल्हन की शादी कराने का निर्णय लिया। इसके बाद बुधवार को देर रात दूल्हा आदित्य अपनी दुल्हन से शादी करने के लिए बारात लेकर बैंड बाजे के साथ हॉस्पिटल में पहुंचा और वहां वैदिक मंत्रोचार के साथ शादी की। दूल्हा बरातियों के साथ हॉस्पिटल में ही घोड़ी पर चढ़कर बैंड-बाजे के साथ बारात लेकर पहुंचा और वहां सभी के सामने शादी के रस्में पूरी की।
शादी के दौरान दुल्हन नंदनी की चलने की स्थिति नहीं होने पर दूल्हें आदित्य ने हॉस्पिटल में सजाए गए मंडप के बीच दुल्हन को गोदी में उठाकर ही 7 फेरे लिए। इस दौरान हॉस्पिटल में ही दूल्हे ने दुल्हन की मांग भरी और मंगलसूत्र भी पहनाया।
दूल्हे की मां ममता बैस ने बताया कि उनके बेटे की शादी कुंभराज की नंदनी से तय हुई। लेकिन शादी के 5 दिन पहले ही दुल्हन नंदनी की अचानक ज्यादा तबीयत बिगड़ गई। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां हालत में सुधार नहीं होने पर हॉस्पिटल में शादी की रस्म निभाई गई। ममता ने बताया कि अगर आज शादी नहीं होती तो दो साल तक विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं था।
[…] संस्था ने बताया कि ग्राउंड से बॉम्बे हॉस्पिटल स्क्वायर तक जुलूस निकाला जाएगा और […]