मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को यूक्रेन सीमा से लगे कुर्स्क क्षेत्र का दौरा किया। क्रेमलिन की ओर से बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, पुतिन ने वहां निर्माणाधीन कुर्स्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र-2 का निरीक्षण किया और स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवकों के साथ बैठक की।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में यूक्रेनी बलों ने कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ की थी, जिसे रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान कीव की ओर से सबसे बड़ा सीमा पार हमला माना गया। यह घटना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार थी जब रूसी क्षेत्र पर किसी बाहरी ताकत ने अस्थायी रूप से कब्जा किया। यह हमला रूस के लिए रणनीतिक और प्रतिष्ठात्मक दृष्टिकोण से एक बड़ा झटका था।
हालांकि रूस ने अप्रैल 2025 में दावा किया कि उसने क्षेत्र से यूक्रेनी सेनाओं को पूरी तरह खदेड़ दिया है, लेकिन कीव ने इस दावे का खंडन किया। यूक्रेन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया का आरोप है कि उत्तर कोरिया ने कुर्स्क में रूस की मदद के लिए करीब 12,000 सैनिक भेजे थे।
कुर्स्क दौरे के दौरान पुतिन ने कार्यवाहक गवर्नर अलेक्जेंडर खिनशटेन के साथ बातचीत की और विस्थापित परिवारों को मासिक सहायता जारी रखने की योजना को समर्थन देने की बात कही। इससे पहले प्रभावित स्थानीय निवासियों ने मुआवजे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस बीच, रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बीती रात यूक्रेनी ड्रोन हमलों को नाकाम करते हुए रूस की हवाई सुरक्षा प्रणाली ने कुल 159 ड्रोन मार गिराए, जिनमें ओरयोल क्षेत्र में 53 और ब्रायंस्क क्षेत्र में 51 ड्रोन शामिल थे।
राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा न केवल कुर्स्क क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रूस की आंतरिक सुरक्षा और प्रशासनिक प्रतिबद्धताओं को भी दर्शाता है।