नई दिल्ली. इस्राएल द्वारा ईरान पर किए गए हमले ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में बड़ी उथल-पुथल मचा दी है। इस हमले के बाद दुनिया भर में तेल आपूर्ति पर संकट मंडराने लगा है, जिससे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के चलते पहले से ही आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई थी।
शुक्रवार को जैसे ही इस्राएल ने ईरान पर हमला किया, इसके आर्थिक प्रभाव तुरंत दिखने लगे। निवेशकों ने जोखिम भरे शेयर बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित विकल्पों जैसे सरकारी बॉन्ड्स और सोने में निवेश करना शुरू कर दिया। कच्चे तेल की ब्रेंट इंटरनेशनल बेंचमार्क कीमत 10 प्रतिशत से अधिक उछलकर 75.15 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई, जो पिछले लगभग पांच वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है।
तनाव जल्द खत्म होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू ने कहा है कि सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक खतरे का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता। उनका इशारा ईरान के संभावित परमाणु कार्यक्रम की ओर है। वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता ने भी इस्राएल को कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है।