पलपल इंडिया प्रतिनिधि। कक्षा सातवीं में पढ़ने वाली 13 वर्षीय छात्रा ने मां की डांट से नाराज होकर अपने अपहरण का नाटक रचा। दरअसल जबलपुर के खमरिया थाना क्षेत्र निवासी छात्रा 28 जून को सुबह घर से किसी को कुछ बताए बगैर निकल गई। बालिका ने जाने से पहले घर पर एक पत्र छोड़ दिया। इसमें उसके अपहरण की बात लिखी थी। 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। 14 दिन के अंदर रुपये नहीं देने पर उसके सही सलामत नहीं रहने की धमकी थी। यह पत्र बच्ची के स्वजन को मिला तो वह घबरा गए। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने कुछ देर की छानबीन में बच्ची को ढूंढ निकाला। तब जाकर स्वजन ने राहत की सांस ली।
बालिका प्रियदर्शनी कॉलोनी में अपनी मां और नानी के साथ रहती है। रविवार को सुबह वह अपने कमरे में थी। कुछ देर बाद उसकी मां ने पुकारा तो उसकी आवाज नहीं आयी। काफी देर हो गई और वह नहीं लौटी तो उसकी मां ने अपनी मां से पूछा। उन्होंने उसे नहीं देखने की बात कही। तब पड़ोसियों से जाकर पूछा। वह पूरे मोहल्ले में नहीं मिली। वे घर आकर फिर अच्छे से एक बार उसे वहां ढूंढने लगे तब उन्हें बालिका के स्कूल बैग में एक पत्र मिला। वह पत्र पड़ा तो वे घबरा गए। उसमें लिखा था कि तुम लोगों की बच्ची हमारे पास है। अगर उसे सही सलामत चाहते हो तो 14 दिनों के भीतर 15 लाख रुपये का इंतजाम कर लो। अगर पुलिस को बताने की होशियारी दिखाई तो बच्ची के टुकड़े कर देंगे। इसकी जानकारी खमरिया पुलिस को दी गई।
पुलिस ने हिंदी में लिखे पत्र की हैंडराइटिंग देखा तो वह बालिका के स्कूल बैग में रखी दूसरी कॉपियों की लिखावट से मिल गई।पुलिस समझ गई कि बच्ची ने ही अपहरण और फिरौती का पत्र लिखा। पुलिस ने आसपास पूछताछ के बाद सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखना शुरू किया। इसमें वह घर के पास ही चौक से एक ऑटो रिक्शा में अकेली बैठने दिखी। ऑटो रिक्शा के नंबर के आधार पर पुलिस ने चालक को तुरंत ट्रेस कर लिया। उसने बालिका को सदर में छोड़ने का बताया। पुलिस का एक दल बालिका का छायाचित्र लेकर सदर पहुंचा। जहां, वह व्यापारियों एवं रहवासियों से बालिका के संबंध में खोजबीन कर रहे थे। तभी बच्ची सदर के गली नंबर सात में घूमती दिखी। उसे तुरंत दस्तयाब किया गया। पूछताछ के बाद बालिका को स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया। खमरिया थाना प्रभारी सरोजिनी चौकसे ने बताया कि एक बच्ची घर से बिना बताए चली गई थी। उसके बैग में अपहरण का पत्र मिला था। इससे स्वजन घबरा गए थे। तुरंत पुलिस की अलग-अलग टीमें बच्ची को ढूंढने के लिए लगाई गई। कुछ देर मे वह सुरक्षित मिल गई।
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