Patna News: बिहारवासियों को अब तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश जाने की जरूरत नहीं होगी। राज्य सरकार ने बड़ी पहल करते हुए पटना जिले के मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण की घोषणा की है। बिहार में गंगा किनारे बसे ऐतिहासिक कस्बे मोकामा को अब धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के नए केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार, मोकामा में लगभग 10 एकड़ जमीन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् (TTD), तिरुपति (आंध्र प्रदेश) को मंदिर निर्माण के लिए दी गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के साथ समझौता किया है. इसी संस्था के प्रबंधन में आंध्र प्रदेश का विश्वविख्यात तिरुपति बालाजी मंदिर संचालित होता है. सरकार ने मोकामा में लगभग 10 एकड़ भूमि मंदिर निर्माण के लिए उपलब्ध कराने की घोषणा की है.
अब तक उत्तर भारत और बिहार के श्रद्धालुओं को भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश तक लंबा सफर करना पड़ता था. मंदिर बनने के बाद लोगों को अपने ही राज्य में दर्शन का अवसर मिलेगा. लाखों-करोड़ों भक्त यहां सीधे आकर पूजा-अर्चना कर पाएंगे. इससे न केवल आस्था मजबूत होगी बल्कि धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी.
मंदिर निर्माण से मोकामा सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहेगा. यहां नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, आध्यात्मिक शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. इससे स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और मोकामा का नाम राष्ट्रीय धार्मिक मानचित्र पर दर्ज होगा.
मोकामा पटना जिले की शुरुआत का प्रमुख शहर है और यहां से उत्तर और पूर्वी बिहार का सीधा जुड़ाव होता है। यही कारण है कि यहां मंदिर का निर्माण हजारों श्रद्धालुओं की आस्था को जोड़ देगा। इसके अलावा, बेगूसराय जिले का प्रसिद्ध सिमरिया गंगा घाट मोकामा के सामने स्थित है, जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग धार्मिक अनुष्ठानों और पूजाओं के लिए जुटते हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर बनने के बाद यह पूरा इलाका धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र बन सकता है। स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे बिहार की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊँचाइयाँ देने वाला कदम बताया है।
आर्थिक दृष्टि से भी यह पहल मोकामा और आसपास के क्षेत्रों के लिए लाभकारी होगी. मंदिर बनने के बाद होटल, लॉज, रेस्टोरेंट, परिवहन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होंगे. हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. साथ ही, बिहार आने वाले श्रद्धालु न केवल बालाजी के दर्शन करेंगे, बल्कि राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भी परिचित होंगे. इससे बिहार की सकारात्मक छवि राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सशक्त होगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक गतिविधियों और पर्यटन को जोड़कर बिहार की पहचान को नई उड़ान देगी. गंगा किनारे स्थित मोकामा आने वाले समय में केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि का केंद्र बनकर उभरेगा. नीतीश सरकार की यह पहल राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है. यह केवल मंदिर निर्माण की योजना नहीं है, बल्कि बिहार को सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी.
सम्राट चौधरी ने कहा कि पटना के मोकामा में भव्य-दिव्य तिरुपति मंदिर बनेगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर किये अपने एक पोस्ट में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार मोकामा में तिरुपति मंदिर बनाने के लिए लगभग 10 एकड़ जमीन का तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्, तिरुपति, आंध्र प्रदेश के साथ समझौता किया गया है. ये निर्णय बिहार के सांस्कृतिक संवर्धन और सनातन धर्म के लिए बड़ी पहल है। इससे मोकामा शहर में सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय सुविधाएँ भी काफी विकसित होगा, इससे रोजगार की भी वृद्धि होगी।