Cough Syrup Ban: जिले में कफ सिरप कोल्ड्रिफ और नेस्त्रो-डीएस के क्रय-विक्रय, संधारण और वितरण पर जबलपुर जिले में आगामी सूचना तक रोक लगा दी गई है। यह कार्यवाही किडनी में संक्रमण से छिंदवाड़ा जिले में हुई बच्चों की मृत्यु के सामने आये मामलों को देखते हुये की गई है। मध्य प्रदेश के जिले में कफ सिरप कोल्ड्रिफ और नेस्त्रो-डीएस के क्रय-विक्रय, संधारण और वितरण पर आगामी सूचना तक रोक लगा दी गई है। यह कार्यवाही किडनी में संक्रमण से छिंदवाड़ा जिले में हुई बच्चों की मृत्यु के सामने आये मामलों को देखते हुये की गई है.
कोल्ड्रिफ और नेस्त्रो-डीएस सिरप के क्रय विक्रय, संधारण और वितरण पर रोक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लगाई गई है। इस बारे में कार्यालय उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश में दवा के सभी थोक एवं फुटकर विक्रेताओं को कोल्ड्रिफ सिरप के बैच नम्बर-एसआर 13 तथा नेस्त्रो-डीएस के बैच नम्बर-एक्यूडी 2559 के क्रय विक्रय, संधारण एवं वितरण को आगामी सूचना तक बंद करने के निर्देश दिये हैं.
आदेश में कहा गया है कि यदि किसी दवा विक्रेता के पास पूर्व से ही ये दवायें संधारित हो तो उन्हें इसकी सूचना तुरंत कार्यालय उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन को देने कहा गया है। आदेश की प्रति जबलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को भी दी गई है तथा सभी दवा विक्रेताओं को इससे अवगत कराने कहा गया है.
सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि छिंदवाड़ा में ‘Coldrif’ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है. इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्य प्रदेश में बैन कर दिया है. सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है. सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था. आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई. रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है.
उन्होंने लिखा कि बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी. राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है. दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
जबलपुर में कोल्ड्रिफ और नेस्त्रो-डीएस सिरप के क्रय-विक्रय, संधारण और वितरण पर रोक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लगाई गई है. इस बारे में कार्यालय उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है. आदेश में दवा के सभी थोक एवं फुटकर विक्रेताओं को कोल्ड्रिफ सिरप के बैच नम्बर-एसआर 13 तथा नेस्त्रो-डीएस के बैच नम्बर-एक्यूडी 2559 के क्रय विक्रय, संधारण एवं वितरण को आगामी सूचना तक बंद करने के निर्देश दिये हैं.
आदेश में कहा गया है कि यदि किसी दवा विक्रेता के पास पूर्व से ही ये दवाएं संधारित हो तो उन्हें इसकी सूचना तुरंत कार्यालय उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन को देने कहा गया है. आदेश की प्रति जबलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को भी दी गई है तथा सभी दवा विक्रेताओं को इससे अवगत कराने कहा गया है. दवा व्यापारी के ठिकाने पर 3 अक्टूबर को औषधि और खाद्य विभाग ने छापेमारी की थी. कटारिया फार्मा से ही छिंदवाड़ा में कफ सिरप को सप्लाई किया गया था.
केंद्र सरकार ने कफ सिरप को लेकर एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि 2 साल से छोटे बच्चों को खांसी-जुकाम होने पर ना तो कफ सिरप दें ना ही किसी तरह की दवा. उन्हें पानी पिलाए और अधिक से अधिक देखभाल करें. वहीं 5 साल से छोटे बच्चों को सामान्य रूप से दवा नहीं दी जाती है. दवा के किसी भी तरह के इस्तेमाल के लिए डॉक्टर की सलाह और गाइड लाइन पूरी तरह से फॉलो की जानी चाहिए.
मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं । जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)
[…] में अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। छिंदवाड़ा में 4 सितंबर से शुरू हुआ मासूम बच्चों […]