forest department: लोकायुक्त संगठन ने वन विभाग के एक डिप्टी रेंजर को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा है। आरोपित ढेलन सिंह पाटन वन परिक्षेत्र का डिप्टी रेंजर है। उसे पाटन स्थित उसके शासकीय आवास में रिश्वत लेते धरा गया है। पाटन के कटरा मोहल्ला में रहने वाले शकील कॉरपेंटर है। वह वन विभाग की अनुमति लेकर वन से लकड़ी काटकर उनका फर्नीचर बनाता है। उसका विक्रय करता है।
एमपी के जबलपुर के पाटन स्थित वन विभाग आफिस में आज लोकायुक्त टीम ने डिप्टी रेंजर डेलनसिंह यादव को उस वक्त पकड़ा है। जब पांच हजार रुपए की रिश्वत ले रहा था। डिप्टी रेंजर के पकड़े जाने से आफिस में कार्यरत कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया।
वन विभाग से लकड़ी लाने के एवज में डिप्टी रेंजर उस पर दबाव बनाकर प्रतिमाह तीन हजार रुपये ऐंठता था। इस माह से डिप्टी रेंजर ने शकील को प्रतिमाह पांच हजार रुपये देने को बोला। उसने इतने रुपये देने से मना किया तो डिप्टी रेंजर उसे धमकाने लगा। बोला कि उसकी मांग पूरी नहीं करेगा तो वह उसे यहां लकड़ी का काम करने नहीं देगा। तब परेशान होकर वह डिप्टी रेंजर की शिकायत लोकायुक्त संगठन से किया।
लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले ने बताया कि लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले ने बताया कि पाटन के शकील ने शिकायत की थी कि वह कारपेंटर एवं लकड़ी परिवहन का काम करता है. डिप्टी रेंजर ढेलन सिंह यादव ने उसे वन परिक्षेत्र में लकड़ी का काम एवं परिवहन का काम देने का भरोसा दिलाया था और उसके एवज में हर माह पांच हजार रूपयों की मांग की थी.
लोकायुक्त जांच के बीच डिप्टी रेंजर ने शकील को फोन लगाकर रुपये देने के लिए घर बुलाया। वह गुरुवार की शाम को रिश्वत के पांच हजार रुपये लेकर डिप्टी रेंजर के शासकीय आवास पहुंचा। जैसे ही डिप्टी रेंजर ने रिश्वत के पांच हजार रुपये के नोट गिने, बाहर खड़े लोकायुक्त दल ने आरोपित ढेलन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के कब्जे से रिश्वत की पांच हजार रुपये की राशि जब्त की गई है।
लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत के आधार पर उसका सत्यापन किया. इसके बाद आज तय समय पर ढेलन सिंह के घर पर रिश्वत के 5 हजार रूपए दिलवाने के लिए आवेदक को भेजा गया था, जहां आवेदक ने डिप्टी रेंजर को पांच हजार रूपए दे दिए, तभी लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर राहुल गजभिए, जितेन्द्र यादव, रेखा प्रजापति सहित अन्य ने दबिश देकर रंगे हाथ पकड़ लिया.
आरोपित के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अनिधियम के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपित डिप्टी रेंजर ढेलन सिंह जब सिहोरा में पदस्थ थे, तब उन पर शासकीय लकड़ी को अवैध तरीके से बेचने के आरोप लगे थे। जांच में दोषी पाए जाने पर डिप्टी रेंजर को पाटन भेजा गया था।