Jabalpur: जबलपुर-दमोह के स्टेट हाइवे पर पाटन के पास चार तेंदुए नजर आए. तेंदुओं को देखकर कुछ वाहन चालक मौके से भाग गए थे और कुछ लोगों ने अपने वाहनों के अंदर से इनका वीडियो बनाया है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
संस्कारधानी जबलपुर में एक बार फिर तेंदुए की दहशत है. इस बार जबलपुर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और सेंट्रल स्कूल के बीच के जंगल में पाठ बाबा मंदिर के पास कई लोगों ने तेंदुए को देखा है. वन विभाग ने यहां कई पोस्टर लगवाएं हैं और लोगों को हिदायत दी है कि सुनसान इलाकों में अकेले ना घूमें. वन विभाग का कहना है कि यदि तेंदुआ दिखता है तो फिर उसे रेस्क्यू करके जंगल में छोड़ा जाएगा.
जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की फैक्ट्री के आसपास घना जंगल है, यहां बड़े पैमाने पर सुरक्षित इलाका भी है, जहां आम लोगों की आवाजाही बिल्कुल भी नहीं है. कई किलोमीटर लंबे इलाके में केवल जंगल है. इस जंगल में वन्य जीव पूरी स्वतंत्रता से रहते हैं. यहीं पर कई बार लोगों को तेंदुआ दिखा है. सबसे पहले तेंदुआ खमरिया के टाइप टू क्वार्टर्स के पास मिला था. इसके बाद फैक्ट्री इलाके में बने क्वार्टर्स के पास लोगों ने तेंदुए को देखा. वहीं, पर एक नाले में तेंदुआ और उसके बच्चों के पगमार्क भी मिले थे.
दमोह की ओर जा रहे अधारताल निवासी श्याम सिंह और अनिल गुप्ता ने बताया कि रात करीब 1 बजे का समय था, जहां अचानक सड़क पार करता हुआ एक तेंदुआ दिखाई दिया था. इसे देखकर सामने चल रहे कार चालक ने अपना वाहन दु्रत गति से आगे बढ़ा दिया था. उधर, वे और उनके पीछे आ रही अन्य कार सवार ने वाहन की रफ्तार कम कर दी थी, जहां सड़क के किनारे झाड़ियों में तेंदुए के दो छोटे बच्चे भी नजर आए थे. मामले में वन विभाग से बातचीत कीग गई है, विभाग इसकी छानबीन कर रहा है.
खमरिया के आसपास के जंगलों में तेंदुए को छुपाने के लिए काफी जगह उपलब्ध है. कई छोटे जानवर है जिनका शिकार करके तेंदुआ अपनी भूख मिटा देता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से तेंदुआ जबलपुर की कुछ कॉलोनी में भी देखा गया. इनमें सबसे ज्यादा समय तक तेंदुए ने नए गांव में दहशत बनाकर रखी हुई थी और नए गांव में सड़क पर घूमने वाले कई कुत्तों को तेंदुआ उठा कर ले गया. इसके बाद नए गांव समिति ने न केवल पूरी सोसायटी के चारों तरफ दीवार बनवाई बल्कि यहां के नालों में भी जालियां लगवाई हैं, ताकि पानी के रास्ते भी तेंदुआ यहां प्रवेश न कर सके.