तेहरान। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि यदि अमेरिका ने सैन्य हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उसे ऐसा नुकसान झेलना पड़ेगा जिसकी भरपाई संभव नहीं होगी। यह बयान ट्रंप के उस बयान के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की थी।
खामेनेई ने साफ शब्दों में कहा, “ईरानी जनता को धमकाने की भाषा में बात नहीं की जा सकती। इतिहास गवाह है कि ईरान ने कभी किसी थोपे गए युद्ध या जबरन शांति के सामने घुटने नहीं टेके हैं।”
अपने संदेश को और स्पष्ट करते हुए खामेनेई ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “अगर अमेरिका इस युद्ध में कूदता है, तो सबसे बड़ा नुकसान खुद अमेरिका को होगा। ईरानी जनता डरने वाली नहीं है और धमकियों का कोई असर नहीं होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका यदि ईरान को कमजोर समझ रहा है, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। बताया जा रहा है कि खामेनेई इस समय एक बंकर में सुरक्षित हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध: छठे दिन भी जारी घमासान
ईरान और इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष अब खुले युद्ध में बदल चुका है। युद्ध का आज छठा दिन है और दोनों देशों के बीच मिसाइल हमले लगातार जारी हैं। अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 585 लोगों की मौत केवल ईरान में हुई है, जबकि इजरायल ने दावा किया है कि ईरान के हमलों में अब तक 24 नागरिकों की जान जा चुकी है और 1300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इजरायल की जवाबी कार्रवाई फिलहाल तेहरान और उसके आसपास के इलाकों पर केंद्रित है।
हाइपरसोनिक मिसाइल से युद्ध में नया मोड़
बुधवार को युद्ध ने और खतरनाक रूप ले लिया जब ईरान ने पहली बार Fattah-1 हाइपरसोनिक मिसाइल के इस्तेमाल का दावा किया। इस मिसाइल की अत्यधिक स्पीड और सटीकता इसे बेहद घातक बनाती है। मिसाइल हमलों के दौरान तेल अवीव में जोरदार धमाकों की आवाजें भी सुनी गईं।
ट्रंप का विवादित बयान: “खामेनेई को अभी नहीं मारेंगे”
इस पूरे घटनाक्रम के बीच डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान भी चर्चा में है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा,
“हमें पता है खामेनेई कहां छिपे हैं। वह एक आसान निशाना हैं, लेकिन हम उन्हें अभी नहीं मारेंगे… कम से कम फिलहाल नहीं।”
यह बयान उन्होंने G7 समिट से लौटने के बाद दिया, जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि अमेरिका जल्द ही इस युद्ध में सीधे तौर पर शामिल हो सकता है।