दीर्घ प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत करता है, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है और मानसिक व शारीरिक रूप से संतुलन लाता है।
दीर्घ प्राणायाम के फायदे:
1. शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति:
यह प्राणायाम गहरी और नियंत्रित सांसों के माध्यम से फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे शरीर के हर अंग तक भरपूर ऑक्सीजन पहुंचती है। इससे थकावट दूर होती है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
2. फेफड़े और मांसपेशियों को मजबूती:
गहरी सांस लेने से फेफड़े पूरी तरह फैलते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होता है। छाती की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और सांस की प्रक्रिया सुचारु रूप से चलती है।
3. तनाव और चिंता में राहत:
धीमी और गहरी सांसों से मस्तिष्क को शांति मिलती है। यह हृदय गति को नियंत्रित करता है, जिससे चिड़चिड़ापन, बेचैनी और मानसिक तनाव दूर होते हैं।
4. नींद की गुणवत्ता में सुधार:
दीर्घ प्राणायाम नियमित रूप से करने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है। यह दिमाग को शांत करता है, जिससे नींद गहरी और सुकूनभरी होती है।
5. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि:
ऑक्सीजन के बेहतर प्रवाह से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है।
6. एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता:
यह प्राणायाम मन को स्थिर करता है, जिससे ध्यान केंद्रित रहता है और पढ़ाई या काम में मन लगता है।
दीर्घ प्राणायाम कैसे करें:
किसी शांत स्थान पर आसन बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
दोनों हथेलियों को पेट पर रखें, इस तरह कि नाभि के पास उंगलियां एक-दूसरे को छूती रहें।
धीरे-धीरे सांस छोड़ें और पेट को ढीला छोड़ दें।
अब धीरे-धीरे गहरी सांस लें और पेट को फुलाएं।
ध्यान रखें – पहले सांस छाती में जाए, फिर पसलियों में और अंत में पेट तक पहुंचे।
छोड़ते समय भी इसी क्रम को उल्टा अपनाएं – पहले पेट, फिर पसलियां और अंत में छाती से सांस छोड़ें।
यह प्रक्रिया 5 मिनट तक दोहराएं।