health center: पनागर स्थित स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही, 20 वर्षीय युवती को लगाया एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन

By: PalPal India News
September 25, 2025

health center: जहाँ मरीज़ अपनी बिमारी ठीक करने स्वास्थ केंद्र जाते है लेकिन अगर स्वास्थ केंद्र में ही लापरवाही पूर्वक ईलाज किया जाए और इससे मरीज़ की हालत और गंभीर हो जाये तब आप क्या करेंगे ऐसा ही एक मामला जबलपुर के पनागर स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है जहाँ बड़ी लापरवाही सामने से स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एक नर्स ने भर्ती मरीज को एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा दिया.

इतना ही नहीं इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज की हालत बिगडऩे पर उसे स्वास्थ्य केंद्र से डिस्चार्ज कर दिया गया. इस घटना के सामने आने के बाद डाक्टरों द्वारा जांच का आश्वासन दिया गया है.पनागर के महाराजपुर की रहने वाली 20 वर्षीय युवती हर्षिता ठाकुर को चक्कर आ रहे थे.

health center: इंजेक्शन लगाते ही मरीज़ को होने लगी घबराहट

जिसके चलते परिजनों ने हर्षिता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. बीती दोपहर के वक्त अस्पताल में पदस्थ एक नर्स ने मरीज को इंजेक्शन लगाया. थोड़ी देर बाद उसे घबराहट होने लगी तो उसने अपनी बहन को बुलाया और बताया कि कुछ देर पहले उसे इंजेक्शन लगाया गया हैए जिसके बाद से बैचेनी हो रही है. मरीज की बहन ने ट्रे में रखा इंजेक्शन देखा गया तो उसकी डेट एक्सपायर हो चुकी थी.

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health center: इंजेक्शन में एमपी गवर्नमेंट सप्लाई नोट फॉर सेल लिखा है.

मरीज की बहन ने फौरन नर्स को बताया तो उन्होंने कहा कि यह अस्पताल का नहीं है. मरीज हर्षिता ठाकुर की बहन का कहना है कि नर्स ने धमकाया कि किसी से शिकायत की तो नुकसान तुम्हारा ही होना है. इसके बाद आनन-फानन में मरीज की छुट्टी कर दी गई.

मरीज की बहन का आरोप है कि एक्सपायर डेट का जो इंजेक्शन लगाया गया है, उसकी डेट 6/2023 और एक्सपायरी डेट 5/2025 की, यानि चार माह पहले जो इंजेक्शन की डेट खत्म हो चुकी है, वह पनागर स्वास्थ्य केंद्र में लगाया जा रहा है. महिला मरीज को लगाए इंजेक्शन में एमपी गवर्नमेंट सप्लाई नोट फॉर सेल लिखा है.

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health center: चलकर अस्पताल आई थी, ऑटो में घर ले गए-

हर्षिता की बहन पिंकी ने बताया कि जिस समय उसे अस्पताल लाया गया था, तब वह चलकर आई थी. उसकी छुट्टी की गई है तो ऑटो में घर ले गए है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में लाकर डॉक्टर ने देखा तो भर्ती करने की सलाह दी थी. बताया गया कि आयरन की कमी है. इसके बाद उसे इंजेक्शन दिया तो हालत बिगडऩे लगी. नर्स को बताया तो वह चुप रह गई. इंजेक्शन एक्सपायर हो चुका था. जिस पर स्टाफ यह कहने लगा कि जो इंजेक्शन दिखाया जा रहा है, यह यहां का नहीं बल्कि बाहर का है.

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