अब आर्ट्स और कॉमर्स के छात्र भी बन सकेंगे पायलट

By: PalPal India News
June 25, 2025

अब तक एविएशन इंडस्ट्री में बतौर कमर्शियल पायलट करियर बनाने के लिए 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स पढ़ना अनिवार्य था। लेकिन अब यह बाध्यता खत्म हो सकती है। भारत में जल्द ही आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र भी उड़ान भरते नज़र आ सकते हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) के लिए साइंस स्ट्रीम की अनिवार्यता खत्म करने की बात कही गई है।

DGCA का लक्ष्य: ज्यादा युवाओं को देना मौका

नए प्रस्ताव का उद्देश्य एविएशन क्षेत्र को और अधिक समावेशी बनाना है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने का मौका मिल सके। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की भावना के अनुरूप है, जो छात्रों को लचीले शैक्षणिक रास्ते देने पर जोर देती है।

क्या होगा नया नियम?

DGCA द्वारा प्रस्तावित बदलावों के अनुसार:

  • अब केवल वही छात्र नहीं, जिन्होंने 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स पढ़ा है, बल्कि आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास छात्र भी कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग के लिए पात्र हो सकेंगे।

  • हालांकि, उन्हें किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य रहेगा।

  • विभिन्न प्रकार के पायलट लाइसेंस के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं से लेकर 12वीं तक निर्धारित की जाएगी, जो संबंधित एयरक्राफ्ट प्रकार पर निर्भर करेगी।

इन लाइसेंसों के लिए स्टूडेंट्स हो सकेंगे पात्र:

  • स्टूडेंट पायलट लाइसेंस: (हेलीकॉप्टर, एयरोप्लेन, ग्लाइडर, बलून, माइक्रोलाइट आदि के लिए) – न्यूनतम 10वीं पास

  • प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL) – 12वीं पास

  • कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) – 12वीं पास, कोई भी स्ट्रीम

  • एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (ATPL) – 12वीं पास, कोई भी स्ट्रीम

  • फ्लाइट रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर लाइसेंस – 12वीं पास

तकनीकी विषयों में तैयारी होगी चुनौतीपूर्ण

हालांकि प्रस्ताव उत्साहजनक है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि एविएशन ट्रेनिंग में नेविगेशन, फ्लाइंग मैकेनिज्म और मौसम विज्ञान जैसे विषय होते हैं, जो फिजिक्स और गणित की आधारभूत समझ की मांग करते हैं। ऐसे में नॉन-साइंस स्ट्रीम के छात्रों को इन विषयों में अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ सकती है।

एडिशनल फाउंडेशन कोर्स की जरूरत

तकनीकी विषयों की तैयारी के लिए प्रशिक्षण संस्थानों को विशेष फाउंडेशन कोर्स शुरू करने की आवश्यकता हो सकती है। इससे प्रशिक्षण की अवधि और लागत दोनों बढ़ सकती हैं, जिससे यह कुछ छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण या कम सुलभ हो सकता है।

सुरक्षा और प्रशिक्षण मानकों से कोई समझौता नहीं

एविएशन क्षेत्र में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। एक पायलट को उच्च दबाव वाले वातावरण में तुरंत और सटीक निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए। ऐसे में DGCA यह सुनिश्चित करेगा कि सभी उम्मीदवार – चाहे उनका शैक्षणिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो – एक समान और उच्च मानकों पर खरे उतरें।

क्या होगा आगे?

यदि इस नीति को मंजूरी मिलती है, तो DGCA और संबंधित प्रशिक्षण संस्थानों को पात्रता मानदंड, शैक्षणिक सहायता योजनाएं और पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने होंगे। यह भारत में पायलट प्रशिक्षण प्रणाली को अधिक समावेशी और लचीला बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

One response to “अब आर्ट्स और कॉमर्स के छात्र भी बन सकेंगे पायलट”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *