Quantum computer: सुपरकंप्यूटर से भी हजारों गुना तेज़, यहाँ जाने क्या है Quantum computer,2035–2040 तक घर घर पहुचेगा

By: PalPal India News
September 16, 2025

Quantum computer: आज हम आपको एक ऐसे कम्पूटर के बारे में बताएँगे जो साधारण कम्पूटर से बिलकुल अलग है, वह है क्वांटम कंप्यूटिंग. विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक आने वाले समय में पूरी दुनिया की गणना शक्ति (Computing Power) को ही बदलकर रख देगी. जहां आज के सुपरकंप्यूटरों को कुछ कठिन समस्याओं को हल करने में हजारों साल लग सकते हैं, वहीं क्वांटम कंप्यूटर वही काम मिनटों या घंटों में कर डालेंगे. हालांकि यह जादू हर समस्या पर लागू नहीं होगा, लेकिन जिन खास क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल होगा, वहां इसका प्रभाव क्रांतिकारी साबित हो सकता है.

क्या है Quantum computer:?

क्वांटम कंप्यूटर एक (वास्तविक या सैद्धांतिक) कंप्यूटर है जो क्वांटम यांत्रिक परिघटनाओं का अनिवार्य रूप से उपयोग करता है: यह अपनी गणना की विशेषताओं के रूप में परिणामों का उपयोग करता है। क्वांटम कंप्यूटरों को क्वांटम प्रणालियों से नमूने के रूप में देखा जा सकता है जो शास्त्रीय रूप से वर्णित तरीकों से विकसित होते हैं, जिन्हें एक साथ असंख्य संभावनाओं पर कार्य करने के रूप में वर्णित किया गया है, हालाँकि वे अभी भी सख्त गणना संबंधी बाधाओं के अधीन हैं। इसके विपरीत, साधारण (“शास्त्रीय”) कंप्यूटर नियतात्मक नियमों के अनुसार कार्य करते हैं। भारत का पहला स्वदेश निर्मित क्वांटम कंप्यूटर अमरावती में स्थापित किया जाएगा

Quantum computer
Quantum computer

साधारण कंप्यूटर और Quantum computer:

साधारण कंप्यूटर “बिट्स” पर काम करते हैं, जो या तो 0 होते हैं या 1. यानी किसी भी समय वे केवल एक ही स्थिति को दर्शा सकते हैं. यही कारण है कि चाहे हमारे पास सुपरकंप्यूटर ही क्यों न हो, वह एक बार में सीमित गणनाएं ही कर सकता है.

इसके उलट, क्वांटम कंप्यूटर “क्यूबिट्स” का इस्तेमाल करते हैं. क्यूबिट्स एक साथ 0 और 1 दोनों स्थितियों में रह सकते हैं. इस अद्भुत गुण को सुपरपोज़िशन कहा जाता है. इसका मतलब है कि एक छोटा-सा क्वांटम कंप्यूटर भी एक साथ लाखों-करोड़ों संभावनाओं को जांच सकता है.

Quantum computer
Quantum computer

Quantum computer: सुपरपोज़िशन और एंटैंगलमेंट के रूप में कार्य

क्वांटम कंप्यूटिंग की ताकत दो मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है – सुपरपोज़िशन और एंटैंगलमेंट. सुपरपोज़िशन से क्यूबिट्स एक साथ कई स्थितियों में रह सकते हैं. इसका फायदा यह है कि कंप्यूटर एक साथ बहुत-से रास्तों को आज़मा सकता है और अंत में सही जवाब मिलने की संभावना को बढ़ा देता है. एंटैंगलमेंट वह स्थिति है जब दो क्यूबिट्स आपस में इस तरह जुड़ जाते हैं कि एक को छूने या मापने से दूसरे पर भी असर पड़ता है.

यह गुण क्वांटम कंप्यूटिंग को बेहद तेज़ और समन्वित (coordinated) बनाता है. इन्हीं वजहों से जब हम क्वांटम कंप्यूटर में और क्यूबिट्स जोड़ते हैं, तो उसकी शक्ति साधारण रैखिक (linear) दर से नहीं, बल्कि घातीय (exponential) गति से बढ़ती है.

Quantum computer
Quantum computer

Quantum computer में कहां होगा सबसे ज्यादा फायदा?

क्वांटम कंप्यूटिंग का सबसे बड़ा उपयोग दवा उद्योग में होगा जहाँ नई दवाओं और प्रोटीन संरचनाओं की खोज में वर्षों का समय लगता है. क्वांटम कंप्यूटर इन्हें बहुत तेजी से मॉडल कर पाएंगे. इसके आलावा वित्तीय क्षेत्र स्टॉक मार्केट, निवेश और रिस्क एनालिसिस जैसे कामों में क्वांटम कंप्यूटिंग कई गुना बेहतर भविष्यवाणियां कर सकती है. साइबर सुरक्षा के लिए भी यह उपयोगी होगा क्यूंकि मौजूदा एन्क्रिप्शन तकनीकें क्वांटम कंप्यूटर के सामने कमजोर पड़ सकती हैं.

साथ ही, क्वांटम-आधारित नई सुरक्षा तकनीकें भी विकसित की जाएंगी. एआई एल्गोरिद्म को ट्रेन करने में जो समय और ऊर्जा लगती है, क्वांटम कंप्यूटर उसे कई गुना तेज़ और सटीक बना देंगे. इसक आलावा जलवायु और स्पेस रिसर्च के कामों में जटिल मौसम पैटर्न, जलवायु परिवर्तन और अंतरिक्ष से जुड़े रहस्यों को समझने में भी यह तकनीक बड़ी भूमिका निभा सकती है.

भविष्य की तस्वीर है Quantum computer में

तकनीक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 10 से 15 सालों में क्वांटम कंप्यूटर आम उद्योगों और शोध केंद्रों तक पहुंच जाएंगे. जैसे 1980 और 1990 के दशक में साधारण कंप्यूटर धीरे-धीरे घर-घर पहुंचे, वैसे ही 2035–2040 तक क्वांटम कंप्यूटिंग भी सामान्य हो सकती है. आने वाले समय में यह तकनीक न केवल हमारी गणना की गति बढ़ाएगी, बल्कि पूरी मानव सभ्यता के लिए नए अवसर भी खोलेगी.

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