Rajasthan: जाको राखे साईयां…मार सके ना कोई. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के भीलवाड़ा से सामने आया है जहाँ 15 दिन का बच्चा जिसके मुंह में दूध की जगह पत्थर भर दिया गया ईतना ही नहीं रोने की आवाज ना आए इसलिए मुंह पर गोंद चिपका दिया गया हो.
राजस्थान के भीलवाड़ा से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां जंगल में पत्थरों के बीच एक नवजात बच्चे को फेंक दिया गया. इतनी ही नहीं, उसके मुंह से आवाज ना निकले इसके लिए उसके मुंह में पत्थर के टुकड़े भरे हुए थे और उसके होंठ को फेविक्विक से चिपका दिए गया था. ताकि वह चीख न पाए. बच्चे की रो-रो कर आंखे लाल हो गईं थी. नवजात केवल 10 से 15 दिन का बताया जा रहा है.
उसे नहीं पता था कि जिनके भरोसे उसने दुनिया में आंखें खोली, उन्हीं के लिए बोझ बन जाएगा. उस मासूम को तो पता भी नहीं था कि उसे किस गलती की सजा मिली पर जब उसके मुंह में दूध के बजाय पत्थर के टुकड़े भरे गए होंगे तो उसने मन ही मन कोख में रखने वाली मां को तो याद किया ही होगा. जो मां उसे 9 महीने तक कोख में रख ले गई, उसके जन्म के बाद ऐसा क्या हुआ कि मुंह में पत्थर रखकर, होठों पर फेवीक्विक लगाकर पत्थरों से दबाकर मरने के लिए छोड़ गई.
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने हर किसी के दिल को झकझोर दिया. जिले के बिजौलिया उपखंड के माल का खेड़ा रोड स्थित सीताकुंड जंगल में एक 10 से 12 दिन के नवजात शिशु को पत्थरों के नीचे दबाकर छोड़ दिया गया. मासूम की हालत देखकर किसी की भी आंखें नम हो जाएं.
जिसने भी यह कृत्य किया, उसने अमानवीयता की सारी सीमाएं पार कर दीं. मासूम की चीखें दबाने के लिए उसके मुंह में एक पत्थर डालकर फेविक्विक से चिपका दिया गया था. यह दृश्य देख वहां मौजूद लोग सन्न रह गए. लेकिन कहते हैं ना कि जाको राखे साईयां, मार सके ना कोय. इस नवजात को भी भगवान ने बचाने के लिए समय पर एक मददगार भेज दिया.
मंगलवार दोपहर को एक चरवाहा अपने मवेशी चरा रहा था. अचानक उसे पास के पत्थरों से हल्की-सी रोने की आवाज सुनाई दी. जब वह पास गया तो उसके होश उड़ गए. पत्थरों के नीचे एक नवजात दबा हुआ था. उसने तुरंत पास ही मौजूद मंदिर में बैठे ग्रामीणों को सूचना दी. ग्रामीणों ने पुलिस को खबर दी और सब मिलकर बच्चे को बाहर निकाला. जंगल में मवेशी चरा रहे शख्स की नजर बच्चे पर पड़ी.
बच्चे को देख उसके होश उड़ गए. उसने तुरंत बच्चे के मुंह से पत्थर को निकाला, पत्थर निकलते ही मासूम चीख-चीख कर रोने लगा. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर कुछ और लोग पहुंचे. वे लोग तुरंत मासूम को इलाज के लिए लेकर सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां नवजात का इलाज चल रहा है. इसी दौरान पुलिस को मामले की सूचना दी गई.
मामले भीलवाड़ा के बिजोलिया थाना क्षेत्र की है. पुलिस ने बताया कि बच्चा सीता कुंड मंदिर के सामने सड़क से सटे जंगल में मिला है. यहां कुछ लोग चरवाहे मवेशी चरा रहे थे. इस दौरान एक शख्स को पत्थरों के बीच एक बच्चा मिला. उन्होंने बताया कि बच्चे के मुंह में पत्थर डाला गया था. उसे निकाला गया और इसके बाद लोगों को मदद के लिए बुलाया गया. इसके बाद बच्चे को बिजौलिया सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. तेज धूप और गर्म पत्थरों के कारण उसका शरीर झुलस चुका था. जहां उसका इलाज जारी है.
मामला सामने आने के बाद से गांववालों में आक्रोश है. उन लोगों ने दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल पुलिस ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस बच्चे के माता-पिता की तलाश कर रही है. इसके साथ ही पुलिस अस्पतालों में पहुंचकर हाल ही में हुई डिलीवरी की रिपोर्ट को भी खंगाल रही है. आसपास के गांव में भी लोगों से बात की जा रही है और बच्चे के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है.