नई दिल्ली। साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने सिम कार्ड जारी करने के नियमों को और सख्त कर दिया है। सरकार ने सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे सिम कार्ड वितरकों, एजेंटों और फ्रेंचाइजी का अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराएं। यह निर्देश नया नहीं है, लेकिन इसके अनुपालन की समय सीमा अब 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है।
इस फैसले का मकसद नए सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है, जिससे साइबर फ्रॉड की घटनाओं को रोका जा सके। इसके अलावा, सरकार उन लोगों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है, जिनके नाम पर 9 से अधिक सिम कार्ड पंजीकृत हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति अधिकतम 9 सिम कार्ड ही अपने नाम पर ले सकता है।
सरकार के निर्देशों के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 के बाद केवल पंजीकृत वितरक ही सिम कार्ड बेच पाएंगे। जो एजेंट या डीलर अपना पंजीकरण पूरा नहीं करेंगे, वे सिम कार्ड की बिक्री नहीं कर सकेंगे। इस प्रक्रिया से सिम कार्ड वितरण में पारदर्शिता और सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जुड़ जाएगी।
रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल जैसी निजी दूरसंचार कंपनियों ने अपने वितरकों का रजिस्ट्रेशन लगभग पूरा कर लिया है, जबकि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अब भी पीछे चल रहा है। BSNL के कई वितरकों ने अभी तक अपना पंजीकरण नहीं कराया है, जिसके मद्देनजर सरकार ने उन्हें दो महीने की अतिरिक्त मोहलत दी है।