उच्च रक्तचाप, जिसे मेडिकल भाषा में हाइपरटेंशन कहा जाता है, को अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। इसका कारण यह है कि यह बीमारी बिना किसी स्पष्ट लक्षण के धीरे-धीरे शरीर को प्रभावित करती है और हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी फेलियर जैसी जानलेवा स्थितियों को जन्म दे सकती है। इस गंभीर खतरे के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर वर्ष 17 मई को ‘विश्व उच्च रक्तचाप दिवस’ मनाया जाता है।
🌍 विश्व उच्च रक्तचाप दिवस: इतिहास
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की शुरुआत विश्व उच्च रक्तचाप लीग (World Hypertension League) द्वारा 14 मई 2005 को की गई थी। इसके अगले वर्ष, 2006 से इसे हर साल 17 मई को मनाने का निर्णय लिया गया। तब से यह दिन पूरी दुनिया में लोगों को उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूक करने के लिए समर्पित है।
🎯 इस दिवस का उद्देश्य
उच्च रक्तचाप को ‘साइलेंट किलर’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते। अधिकांश लोग इसे मामूली समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण बन सकता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है:
लोगों को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक कराने के लिए प्रेरित करना।
उच्च रक्तचाप से होने वाले जोखिमों के बारे में जागरूकता फैलाना।
जीवनशैली में बदलाव करके इससे बचाव के उपायों को अपनाना।
⚠️ उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण
हालांकि कई बार कोई लक्षण नहीं होते, फिर भी निम्न लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए:
सुबह के समय सिर दर्द
चक्कर आना या सिर भारी लगना
धुंधली दृष्टि या आंखों के सामने धब्बे आना
सीने में दर्द या जकड़न
थकावट या सांस फूलन
नाक से खून आना (गंभीर स्थिति में)
उल्टी जैसा महसूस होना
✅ बचाव के उपाय
नियमित जांच: हर 6 महीने में रक्तचाप की जांच कराएं।
संतुलित आहार: नमक कम लें, फल और हरी सब्जियों को प्राथमिकता दें
व्यायाम: नियमित वॉक या योग करें
तनाव से बचें: मेडिटेशन या गहरी सांस की तकनीक अपनाएं।
धूम्रपान और शराब से परहेज करें।