पलपल इंडिया प्रतिनिधि। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस वर्ष 22 सितंबर से होगी। ऐसे में माता के सभी भक्त जानना चाहते होंगे कि इस बार माता की सवारी क्या होगी और इसके प्रभाव क्या होंगे? शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। हर नवरात्रि में वार के अनुसार माता की सवारी अलग-अलग होती है और इसका असर भी देश-दुनिया पर उसी सवारी के अनुसार पड़ता है।
आपको बता दे माता की अलग-अलग सवारियाँ है जिनमें पालकी, घोड़ा, हाथी, नाव आदि शामिल हैं। ऐसे में अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार से होती है तो माता की सवारी हाथी को माना जाता है। 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है और इस दिन सोमवार है। इसलिए माता इस बार हाथी पर सवार होकर ही आएंगी। मान्यताओं के अनुसार हाथी को माता की शुभ सवारियों में से एक माना जाता है। आइए अब जान लेते हैं कि हाथी पर सवार होकर माता दुर्गा का आना देश-दुनिया पर क्या प्रभाव डालेगा।
शारदीय नवरात्रि पर माता का हाथी पर सवार होकर आना देश-दुनिया के लिए सकारात्मक साबित होगा। इस दौरान अच्छे परिवर्तन वैश्विक स्तर पर दिख सकते हैं।
माता का हाथी पर सवार होकर आना बेहद सकारात्मक साबित होगा। व्यक्तिगत रूप से हर कोई आगे बढ़ेगा और सुख-समृद्धि पाएगा वहीं समाज में भी इस दौरान अच्छे बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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